लेक्टोज असहिष्णुता
लेप्रोस्कोपिक सर्जन इंदौर डॉ. अचल अग्रवाल के अनुसार एक साधारण पाचन समस्या जिसमें शरीर लैक्टोज को पचा कर पाता है उसे लेक्टोज असहिष्णुता कहते हैं| लैक्टोज एक प्रकार की चीनी है जो दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स में मिलती है| लेक्टोज असहिष्णुता में हमारी छोटी आंत लेक्टेज को नहीं बना पाती, लेक्टेज एक एंजाइम है जिससे लैक्टोज टूटता है| लेक्टोज असहिष्णुता में नहीं पचा हुआ लैक्टोज कोलोन में जाता है जहां बैक्टीरिया उसे फर्मेंट कर देता है जिसकी वजह से गैस, मतली, दस्त, पेट में दर्द होना, पेट में गड़गड़ाहट जैसी आवाज आना, पेट फूलना आदि होते हैं| बार-बार ऐसा होने से गट लाइनिंग कमजोर हो जाती है और अच्छे बैक्टीरिया को प्रभावित करती है|
दुनिया भर में लगभग 65% वयस्क लेक्टोज को तोड़कर अवशोषित नहीं कर पाते | अवशोषित न हुआ लेक्टोज आपके जठरांत्र मार्ग से बिना पचे ही निकल जाता है, जिससे कुछ लोगों मे लक्षण उत्पन्न होते है |
लेक्टोज असहिष्णुता क्यों होता है-
- जन्मजात
- उम्र बढ़ने के साथ लेक्टेज एंजाइम कम हो जाना
- आंत में संक्रमण या चोट के कारण
लेक्टोज असहिष्णुता के लक्षण कम करने के उपाय
डॉ. अचल अग्रवाल, सीनियर जनरल सर्जन इंदौर, ने लेक्टोज इनटोलरेंस से होने वाले लक्षणों को कम करने के उपाय बताए हैं –
- प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक का उपयोग
- धीरे-धीरे लैक्टोज वाले पदार्थ का सेवन बढ़ाना
- लेक्टोज असहिष्णुता सीलियक डिजीज की वजह से भी होता है तो सीलियक डिजीज को ठीक करना
- लैक्टोज एंजाइम टैबलेट खाने के साथ लेना
- लैक्टोज वाले पदार्थ का सेवन काम करना
- खाना धीरे-धीरे खाएं और ज्यादा पानी पिए जिससे आंतों को भोजन को अच्छी तरह से पचने का समय मिलता है
कैल्शियम और विटामिन D की कमी से बचने के विकल्प
अगर लैक्टोज वाले पदार्थ पूरी तरह बंद कर देते हैं तो उसकी वजह से कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हो सकती है| इसलिए लेक्टोज फ्री मिल्क, सोया मिल्क, बादाम दूध, नारियल दूध जैसे विकल्प अपना सकते है |
लेक्टोज असहिष्णुता आपको गंभीर रूप से नुकसान नहीं पहुंचाएगी | अगर आप लैक्टोज के पाचन तंत्र से गुजरने के दौरान इसके लक्षणों का सामना कर पाते हैं, तो ये अंततः समाप्त हो जायेंगे |











